उल्हासनगर:
उल्हासनगर स्थित मध्यवर्ती सरकारी अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है। अस्पताल में चल रही गंदगी और प्रबंधन के ढीले-ढाले कार्यप्रणाली के कारण मरीजों और उनके परिजनों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
रक्त परीक्षण रिपोर्ट में देरी और
रिपोर्ट 7 से 10 दिन बाद मिलने से मरीजों को परेशानी।
ओपीडी सुबह 8 बजे शुरू हो और शाम 4 से 6 बजे तक डॉक्टरों की उपस्थिति हो।
स्वतंत्र वार्डों की अनुपलब्धता के कारण झुलसे हुए मरीजों के लिए उपलब्ध वार्ड बंद।
स्वच्छता का अभाव होना जरूरी है। परिसर में कचरा, धूल और दुर्गंध।
कई बार मरीजों को अंधेरे में उपचार लेने की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से उप-संचालक श्री नांदापुरकर को इस संबंध में निवेदन सौंपा गया है। इसमें अस्पताल प्रबंधन की निष्क्रियता के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
महानगर संघटक मैनुद्दीन शेख, विधि विभाग के जिला अध्यक्ष ऍड. कल्पेश माने, उप-शहर अध्यक्ष शैलेश पांडव और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
आगामी सप्ताह में समस्याओं का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पास आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा, ऐसा इशारा दिया गया है।
उल्हासनगर के मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए तात्कालिक उपायों की आवश्यकता है।
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