उल्हासनगर:
उल्हासनगर महानगरपालिका की आशा स्वयंसेविकाओं के लिए अप्रैल 2024 से जून 2024 के मानधन की लंबित राशि के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
महानगरपालिका ने 250 आशा स्वयंसेविकाओं के लिए 77 लाख रुपए का मानधन, जिसे राज्य शासन द्वारा आयुक्तालय के माध्यम से 7 अगस्त 2024 को जारी किया गया था, अब वितरित करने का आदेश दिया है।
त्योहारों के दौरान भी आशा स्वयंसेविकाओं को तीन महीनों का मानधन नहीं मिलने के कारण वे आंदोलन की तैयारी में थीं। इस मुद्दे पर आशा स्वयंसेविकाओं के संघ ने नगर आयुक्त को पत्र भी दिया था।
आशा स्वयंसेविकाएँ सामान्य समुदाय में जाकर लोगों की सेवा करती हैं और शासन की योजनाओं को उन तक पहुँचाती हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किया।
नगरसेविका अंजली साळवे ने माननीय आयुक्त से इस मुद्दे पर मुलाकात की और स्थिति का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि अन्य महानगरपालिकाओं में आशा स्वयंसेविकाओं को उचित मानधन दिया गया है, जबकि उल्हासनगर में यह लंबित है।
नवीन आयुक्त श्री विकास ढाकणे ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और संबंधित विभाग को त्वरित कार्रवाई करने के आदेश दिए।
इसी प्रकार, 113 आशा स्वयंसेविकाओं और अन्य कर्मचारियों द्वारा मराठा आरक्षण सर्वेक्षण के लिए किए गए कार्य का लगभग 5 लाख रुपए का मोबदला भी 11 महीनों से लंबित था। इस पर भी नगरसेविका अंजली साळवे ने आयुक्त को सूचित किया, जिसके बाद उन्होंने संबंधित विभाग को भुगतान का आदेश दिया।
इस मीटिंग मे पूर्व नगरसेविका अंजली साळवे, उल्हासनगर महानगरपालिका की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मा मैडम, उल्हासनगर महिला जिला कांग्रेस की अध्यक्ष मनीषा महाकाले, उपाध्यक्ष मालती गवई, तथा उल्हासनगर के निराधार विभाग की अध्यक्ष प्रो. सिंधू रामटेके और आशा कार्यकर्ताओं की प्रतिनिधि छाया गडपाले तथा पद्मा माने उपस्थित थीं।
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