संपन्न हुआ थदड़ी माता " शीतला माता" का त्यौहार।

 





उल्हासनगर: 

सिंधियों के मुख्य पर्व थदड़ी बड़े धूमधाम से मनाई गई, अविभाजित भारत के समय से थदड़ी पर्व बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है, सिंधी समाज में इस पर्व पर एक दिन पहले खाना बना लिया जाता है। और उसको दूसरे दिन खाया जाता है। ऐसा कहना जय झूलेलाल संघर्ष सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मंगतानी जी का है, कहते हैं कि ठंडा व्यंजन खाने से मन और दिमाग भी शांत रहता है , थदड़ी माता मतलब शीतला माता की कथा सुनकर पुण्य प्राप्त होता है। ऐसा हमारे बड़ों का कहना है , शीतला माता हर मुरादे पूरी करती है ऐसा माना गया है, इस पर्व पर खास तौर पर सिंधी समाज का फेवरेट लोला कोकी बेसनी रोटी दही, मेथी आलू की सब्जी व अन्य कहीं व्यंजन एक दिन पहले पकाए जाते हैं, थदडी के दिन किसी के घर में चूला नहीं जलता, यहां तक के शहर में नाश्ते वाला भी बंद रहते हैं, इस अनोखे पर्व का अलग ही आनंद है, लोग अपने सगे संबंधियों के साथ यह त्यौहार मनाते हैं।




Post a Comment

[facebook][blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget