उल्हासनगर :
उल्हासनगर के गोलमैदान स्थित मनपा के हॉल को सिंधी कोयल भगवंती नावानी जी का नाम दिया जाए और टाऊन हॉल में स्थित ऑडिटोरियम को संगीताचार्य मास्टर चंदर जी का नाम दिया जाए ऐसी मांग राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव और उल्हासनगर महानगर पालिका के पूर्व नगरसेवक भारत गंगोत्री ने आज पालिका आयुक्त अजीज शेख को दिए गए पत्र में की है।
राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव और उल्हासनगर महानगर पालिका के पूर्व नगरसेवक भारत गंगोत्री ने पालिका आयुक्त अजीज शेख को दिए गए पत्र में कहा है कि भगवंती नावानी जी का सिंधी कलाक्षेत्र में एक अपना अलग स्थान है। उनकी आवाज में बने लाडा और सुखमणी पाठ हमारे दिलों दिमाग पर छाये हुए है। कई फिल्मो में भगवंती नावानी जी ने रोल भी किया है।
गोल मैदान में एक स्टेज को उनका नाम दिया गया था। लेकिन अब स्टेज की कल्चरल व्हॅल्यू खतम हो चुकी है। वहा पर मनपा का कार्यालय बन चुका है। सामने खुली जगह पर पानी की टंकी बनाई गई है यह एक तरह का भगवंती नावानी जैसी कलाकार का अपमान था।
गोल मैदान स्थित हॉल जो मिडटाऊन रोटरी के नाम से जाना जाता है, उस हॉल को किसी का नाम दिया नहीं गया था। ऐसा राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव और उल्हासनगर महानगर पालिका के पूर्व नगरसेवक भारत गंगोत्री ने पालिका आयुक्त अजीज शेख को दिए गए पत्र में कहा है। 'सिंधीकोयल भगवंती नावानी म्युझिक अँड कल्चरल सेंटर' ऐसा नाम प्रस्तावित किया है। सिर्फ नाम का प्रस्ताव नहीं बल्की उस जगह को और डेव्हलप करने की भी योजना भी बनाई है। ऐसेही हमारे दिल में बसे है मास्टर चंदर ! पार्टिशन के वक्त का हमारा दुःख और पीडा मास्टर चंदर जी के आवाज में हमने सुनी। आज भी जब उनके गीत सुनते है तो आंख में आंसू आ जाते है। यह बाते ध्यान में रखते हुए मास्टर चंदरजी का नाम कल्चरल ऍक्टिव्हिटी से जुडा रहे, इस हेतू शहीद जनरल अरुण कुमार वैद्य टाऊन हॉल के अंदर जो ऑडिटोरियम बना है उसे 'संगीताचार्य मास्टर चंदर ऑडिटोरियम' ऐसा नाम दिया जाए ऐसी मांग ये मांग राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव और उल्हासनगर महानगर पालिका के पूर्व नगरसेवक भारत गंगोत्री ने की है।
आयुक्त साहब ने मेरी दोनो मांगो को लेकर सकारात्मक प्रतिसाद दिया है। जल्द ही इन दोनों वास्तु का नामकरण हो जायेगा ऐसा राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव और उल्हासनगर महानगर पालिका के पूर्व नगरसेवक भारत गंगोत्री ने बताया।
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