सिंधी समाज मे टीज़डी पर्व का विशेष स्थान : वर्षा तेजवानी

 









उल्हासनगर :

सिंधी समाज का तीजड़ी पर्व हर साल कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाया जाता हैं इस साल शनिवार को तीजड़ी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा सिंधी समाज की महिलाएं उपवास रखती हैं और चंद्रमा को देखकर व्रत खोलती हैं व्रत रखने वाली महिलाएं शुक्रवार रात को अपने हाथों में मेहँदी लगवाकर सूर्योदय से पहले सुबह चार बजे उठकर महिलाएं असुर ( कुछ खा लेती हैं ) करेंगी । दिन में किसी समय  झूलेलाल भगवान के मंदिर यां ब्राम्हण देवता के घर में तीजड़ी माता को झूला झूलाया जाता हैं शाम को मंदिर में ही तीजड़ी माता की कथा सुनकर दीप जलाएंगी उसके बाद रात में चंद्रमा के दर्शन कर पावन व्रत का अर्द्ध देकर समापन विधि संम्पन्न होती हैं।सिंधी समाज में तीजड़ी व्रत का महत्व अतुलनीय  है। पति की लंबी आयु की कामना के लिए महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। उल्हासनगर शहर की निवासी वर्षा तेजवानी ने बताया कि जिस लड़की की शादी तय हो जाती है उसे भी इस व्रत को रखना बहुत शुभ होता है नवविवाहित काफी उत्साहित रहती हैं। पहली तीज के लिए दोनों पति पत्नी एक साथ मैचिंग परिधान पहनते हैं बड़ी संख्या में सरप्राइज भी रखते हैं जगह जगह मेहँदी मेले भी सजते हैं ।





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