उल्हासनगर - उल्हासनगर महानगर पालिका प्रशासन की लापरवाही और निष्क्रिय जनप्रतिनिधियों के कारण मराठी स्कूलों में छात्रों की संख्या में गिरावट कम हुई है ऐसा मनसे ने आरोप लगाया है।
मनसे के शहर संघटक मैनुद्दीन शेख ने पालिका आयुक्त अज़ीज़ शेख को दिए गए पत्र में कहा है की, प्रभाग समिती नंबर १, वार्ड नंबर १ के स्कूल नंबर २३/२६, उल्हासनगर-१, तानाजीनगर, बिरला गेट क्षेत्र का हाल बेहद खराब है।
स्कूल परिसर में ठेकेदार के पुराने पाइप, विज्ञापनों के लोहे के फ्रेम चारों ओर पड़े हैं।जिन कक्षाओं में स्कूल चल रहा है, उनकी दीवारें फटी हुई है। छतें ढह चुकी है और पीने के पानी की कोई भी व्यवस्था नही है।
उल्हासनगर महानगर पालिका द्वारा मराठी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार और स्कूलों के रख-रखाव के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है लेकिन उल्हासनगर महानगर पालिका स्कूल नंबर २३/२६ की हालत को देखते हुए आम नागरिक यह सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर यह खर्च कहां किया गया है।
ज्ञात हो की, स्कूल प्रबंधन समिती में पूर्व नगरसेवक भी है जो शिवसेना के पदाधिकारी है और यहां तक कि वह सत्ताधारी पक्ष के पदाधिकारी, पूर्व नगरसेवक स्कूल प्रबंधन समिती में है, तो यह एक बड़ी त्रासदी है कि स्कूल और स्कूल परिसर इस तरह की बदहाली में है। हालांकि स्कूल नंबर २३/२६ की मरम्मत और सौंदर्यीकरण और स्वच्छ पेयजल की समस्या को लेकर मनसे के शहर संघटक मैनुद्दीन शेख ने उल्हासनगर महानगर पालिका प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी दी है और शेख ने कहा है कि मनसे को उचित अधिकारों के लिए उल्हासनगर महानगर पालिका प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी होगी।
इस समय शिष्टमंडल में मनसे के जिला सचिव संजय घुगे, शहर संघटक मैनुद्दीन शेख, विद्यार्थी सेना शहर के उपाध्यक्ष कल्पेश माने, उप शहर अध्यक्ष शैलेश पांडव, वाहतुक सेना शहर के अध्यक्ष कालू थोरात, शाखा अध्यक्ष संजय नार्वेकर उपस्थित थे।
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