उल्हासनगर - उल्हासनगर महानगर पालिका द्वारा अदालत में दिये गये हलफनामे के बावजूद कि उल्हासनगर शहर में अवैध निर्माण की अनुमति नहीं दी जायेगी, उल्हासनगर शहर की चारों वार्ड समितियों में बड़ी संख्या में अनाधिकृत निर्माण कार्य चल रहे है।
उल्हासनगर नगर निगम की सीमा के भीतर अवैध, खतरनाक निर्माणों के कारण पिछले कुछ महीनों में इन हादसों में १३ लोगों की मौत हो चुकी है।२० फुट से अधिक ऊंची बड़ी व्यावसायिक गलियों, टीजी सिस्टम, आरसीसी सिस्टम के सैकड़ों अवैध निर्माण कार्य कर रहे हैं। नदी क्षेत्र में महानगर पालिका के आरक्षित भूखंडों पर अनुमति के नाम पर सरकारी भूखंडों पर कब्जा किया जा रहा है।
अवैध निर्माणों के विरुद्ध कोई कार्यवाही न होने के बावजूद संबंधित बिट मुकादम, प्रभारी सहायक आयुक्त को चल रहे अनाधिकृत निर्माणों की जानकारी है, शहर में अवैध निर्माण विभाग के नाम पर ही चर्चा हो रही है। छोटे पैमाने के कार्यों पर नकेल कसने के लिए देखा जाता है, लेकिन शहर में बड़े अवैध राजनीतिक दबदबे वाले अवैध निर्माण, खतरनाक, अवैध निर्माण जो शहर में प्रमुख मुद्दे हैं और अवैध निर्माण विभाग के अधिकारियों पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है।
जब कि उल्हासनगर महानगर पालिका में अधिकारियों की कमी है, सरकार द्वारा सहायक आयुक्तों की नियुक्ति न होने के कारण, अवैध निर्माणों को नियंत्रित करना मुश्किल है और यदि खतरनाक, अवैध निर्माण शहर में लोगों की जान ले रहे हैं, तो एक कल्याण लोकसभा सांसद श्रीकांतजी शिंदे साहेब के पास शिकायत दर्ज कराई जाएगी, जिन्होंने शहर और उल्हासनगर मनसे में अवैध निर्माणों को ध्वस्त का आदेश दिया है। उल्हासनगर मनसे के नगर संयोजक मैनुद्दीन शेख ने कहा है कि वह शहर की वार्ड समिति क्रमांक १,२,३,४ में आरक्षित भूखंडों पर हुए १० बड़े अवैध निर्माणों की सूची सांसद श्रीकांत शिंदे को सौंपेंगे और उनसे उन अवैध निर्माणों पर कारवाई की मांग करनेवाले है ऐसा शेख ने बताया।