उल्हासनगर - उल्हासनगर वासियों को जल्द ही मनपा की परिवहन सेवा का लाभ मिलने वाला है। मनपा क्षेत्र की सड़कों पर एक बार फिर से बसे दौड़ती हुई नजर आने वाली है. मनपा द्वारा २० इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का निर्णय लिया है जिसकी प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। अब शहरवासियों की इंतजार की घड़ी जल्द ही खत्म होगी। बताया जाता है की गत ७ सालों से उल्हासनगर महानगर पालिका की परिवहन की बसे पूरी तरह से बंद है। २०१० में महानगर पालिका की तत्कालीन महापौर श्रीमती राजश्री राजेंद्र चौधरी के कार्यकाल में यह बस सेवा शुरू हुई थी जिसमें क्रिस्टल कंपनी के मालिक राजा गेमनानी को परिवहन सेवा का ठेका दिया गया था।
समय से चलाते बढ़ती हुई महंगाई जैसे डीजल, पेट्रोल बढ़ते कीमतों के बड़ोतरी के कारण, सड़क पर खड़ी के चलते बस का बार बार खराब होना, जिसका समय पर रखरखाव नहीं हो पा रहा था। साथ ही कंपनी के ठेकेदार राजा गेमनानी ने उल्हासनगर महानगर पालिका प्रशासन को टिकट के दर बढ़ाने की अपील की थी। लेकिन उल्हासनगर महानगर पालिका प्रशासन ने उसे नजरंदाज किया था। परिणामस्वरूप बस सेवा बंद पड़ गयी थी। बस सेवा बंद होने के बाद कई बार पालिका ने निविदा निकाली लेकिन कोई ठेकेदार नहीं आया। बस सेवा बंद होने से शहरवासियों को मजबूरन अधिक भाड़ा देकर रिक्शा में सफर करना पड़ता है। उल्हासनगर महानगर पालिका ने अशोक लीलैंड कंपनी द्वारा बनाई गई बैटरी पर चलने वाली २० बसें लेने का निर्णय लिया गया है ऐसी जानकारी उल्हासनगर महानगर पालिका के उपायुक्त अशोक नाईकवाड़े ने पत्रकारों को दी है।
आश्चर्य की बात यह है कि उल्हासनगर महानगर पालिका की बस सेवा बंद है लेकिन परिवहन समिती के सभापती और अन्य सदस्यों का मानधन जारी है जिससे आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। जब महापालिका की कोई अपनी बस ही नहीं तो फिर यह परिवहन समिती का क्या मतलब है। जिससे यह शहर में चर्चा का विषय बन गया है।
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