उल्हासनगर: अमर शहीद भगत संत कँवर राम साहब जिन्हें अखंड भारत के समय से महान संतों की श्रेणी में मानते हैं उनके समय में अग़र कहीं भी कथा कीर्तन , सांस्कृतिक कार्यक्रम या सत्संग में जितना भी चढ़ावा आता था संत कँवर राम साहब उसी समय घोर गरीबों में बीमारी की मदद अस्पताल , धर्मशाला , स्कूल मंदिर या कन्याओं की शादी के लिये बाँट देते थे राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने उनके नाम से डाक टिकट भी जारी किया हैं उल्हासनगर व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष उनकी जीवनी पर रोशनी डालते हुए उत्साह से बताते हैं कि उनके नाम मात्र से कई आने वाले संकट टल जाते थे एक बार का किस्सा हमारे पूर्वज सुनाते थे कि एक बार किसी का बच्चा था उसमें जान नहीं थीं वह संत कँवर राम साहेब के यहाँ लेकर आये औऱ संत साहब के गोद में आते ही बच्चे में जान आ गयी ऐसे औऱ भी कई कार्य संत भगत कँवर राम साहेब के शुभ हाथों से हुए उन्होंने कभी भेदभाव नहीं किया सब जीवों को एक नज़रिये से देखते थे उनकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते कुछ क़ाफ़िर शान्ति के दुश्मनों ने 1 नवंबर 1939 को संत भगत कँवर राम साहेब को गोलियों से छलनी कर दिया समाज के लिये उनके बलिदान कभी नहीं भूलेगा अध्यक्ष जगदीश तेजवानी का कहना हैं 1 नवंबर को रात 10 बजे के जहाँ भी रहे एक मिनट का मौन रहकर श्राद्ध सुमन अर्पित करें।
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