उल्हासनगर - उल्हासनगर महानगर पालिका क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुधार लाने के लिए पालिका प्रशासन द्वारा कुल चार मुख्य चौराहे पर लाखों रुपए खर्च कर सिग्नल लगाए गए थे लेकिन यह सिग्नल गत दो सालों से बंद पड़े हुए है। इस बारे में जानकारी देते हुए यातायात विभाग के पुलिस उप निरीक्षक गोरक्षनाथ वाघ ने बताया कि शहर में कुल चार मुख्य चौराहे पर सिग्नल लगाए गए है लेकिन पालिका प्रशासन द्वारा इस चौराहे पर जेब्रा क्रॉसिंग नही बनाया गया है जिसके चलते यह सिग्नल को बंद रखा गया है।
उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि सिगनल्स बनाने के लिए एम एम आर डी ए द्वारा साठ लाख रूपए किए गए है। उल्हासनगर महानगर पालिका के आयुक्त डॉ. राजा दयानिधी से दो बार मिलकर हमने जेब्रा क्रॉसिंग के लिए कहा था लेकिन पालिका प्रशासन द्वारा जेब्रा क्रॉसिंग नही बनाया गया।
वही पालिका के वाहन विभाग के प्रमुख यशवंत रतन सगले ने बताया कि इस बारे में हमारे विभाग का कोई भी संबंध नहीं है। उन्होंने बिजली विभाग के संपर्क करने की सलाह दी। जब इस बारे में बिजली विभाग के प्रमुख अधिकारी हनुमंत खरात से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा हमे टाईम टेबल नही दिया गया है। साथ ही कहा पर कितनी रिक्षाएं, चार पहिया वाहन और अन्य गाडियां कितनी खड़ी होती है इसकी जानकारी तो यातायात विभाग को रहती है क्योंकि वह उन्हीं लोगों से जुर्माना वसूलते है। अगर वह हमे कोई टाईम बनाके देते है तो हम सिग्नल को टाईम टेबल लगा कर दे सकते है। टाईम टेबल नही मिलने की वजह से सिग्नल बंद पड़े है।
सिग्नल को लेकर पालिका प्रशासन के अधिकारी और यातायात विभाग एक दूसरे पर टालमटोल कर रहे है। आखिर इस बंद पड़े सिग्नल की जिम्मेदारी किसकी है। क्या पालिका आयुक्त डॉ. राजा दयानिधी इस बारे समय निकालकर ध्यान देंगे। ऐसा सवाल शहर के नागरिक कर रहे है।
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