उल्हासनगर:राज्य सरकार ने १३ मार्च, २०२० के संक्रामक रोग निवारण अधिनियम, १८९७ की धारा २, ३ और ४ के प्रावधानों के अनुसार एक अधिसूचना जारी की है ताकि कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रसार को रोका जा सके।
इस अर्थ में संक्रामक रोग अधिनियम की धारा 2 (1) के अनुसार नगर आयुक्त को सक्षम प्राधिकारी घोषित किया गया है और वह अपने कार्य क्षेत्र में कोविड 19 के प्रसार को नियंत्रित करने और रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने में सक्षम होगा।
महाराष्ट्र सरकार ने मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए कुछ नियम बनाए हैं। यह इस प्रकार है।
मस्जिद, मदरसा और समाज के लिए जिम्मेदार आप सभी का आवेदन नीचे दिए गए आदेश का पालन करें।
कब्रिस्तान या मस्जिद में सामाजिक दूरी का खास खयाल रखे।
कब्रिस्तान व मस्जिद मे वजू घर से बना कर आए ।
कब्रिस्तान - मस्जिद के शौचालय का उपयोग करने से बचें।
साफो में उचित दूरी का ध्यान रखें।
कब्रिस्तान या मस्जिद में प्रवेश करने से पहले अपने हाथों को सेनेटाइज करें। साथ ही मास्क का प्रयोग करें।
मास्क, मदरसों और कब्रिस्तानों में बिना मास्क के प्रवेश वर्जित है।
६५ साल से अधिक उम्र के नागरिक और १० साल से कम उम्र के बच्चे घर पर ही नमाज अदा करें।
अगर किसी को बुखार या खांसी और कमजोरी है तो वह कब्रिस्तान और मस्जिद में न जाए।
सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अपने जूतेसही जगह पर रखें और दूसरों के जूते भी न छुएं।
किसी मस्जिद या कब्रिस्तान के गेट पर इकट्ठा न हों और सामाजिक दूरी बनाए रखें।
अपनी और अपने परिवार की रक्षा करें।
ऐसी अपील उल्हासनगर मुस्लिम कब्रिस्तान ट्रस्ट और उल्हासनगर मुस्लिम समुदाय द्वारा किया गया है।
सभी मस्जिदों के ट्रस्टियों को अपनी और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए। लोगों को अपनी जिम्मेदारी से अवगत कराएं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र सरकार के आदेश क्र. ५ के अनुसरण में ७ अक्टूबर २०२१ से धार्मिक स्थल/पूजा स्थल (धार्मिक स्थल/प्रतिबंधित क्षेत्रों में पूजा स्थलों को छोड़कर) खोलने की अनुमति दी गई है। धार्मिक स्थलों/पूजा स्थलों के खुलने के बाद कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए निवारक कार्रवाई के संदर्भ में कुछ प्रतिबंध लगाना आवश्यक है, और समय-समय पर पहले दिए गए दिशा-निर्देशों और नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
और उस अर्थ में, माननीय। मिशन BEGIN AGAIN के संबंध में मुख्य सचिव, महाराष्ट्र सरकार समय-समय पर आदेश जारी कर चुकी है। साथ ही जन स्वास्थ्य विभाग ने संशोधित निर्देश संदर्भ सं. 5 पारित किया गया है।
अतः संक्रामक रोग निवारण अधिनियम, 1897 की धारा 2 के साथ-साथ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के सभी प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आयुक्त, उल्हासनगर महानगर पालिका, उल्हासनगर धार्मिक स्थलों और पूजा स्थलों (धार्मिक स्थलों को छोड़कर) के लिए / प्रतिबंधित क्षेत्रों में पूजा स्थल) संदर्भ संख्या। शासनादेश क्रमांक 5 के नियम व शर्ते उल्हासनगर महानगर पालिका क्षेत्र में 7 अक्टूबर 2021 से यथावत लागू की जा रही है। सभी संबंधितों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
इस दौरान सरकार से प्राप्त किसी अन्य निर्देश/आदेशों का पालन करना भी अनिवार्य होगा।
इस आदेश को सभी संबंधितों द्वारा तत्काल लागू किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति आदेश का पालन करने से इंकार करता है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60, संक्रामक रोग नियंत्रण अधिनियम, 1897 और भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश का सक्ती से पालन किया जाना चाहिए ऐसा आदेश उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त डॉ. राजा दयानिधी ने दिया।