उल्हासनगर- ( आनंद कुमार शर्मा/ शंकर हरीसिंघानी)
गुरूनानक जयंती के अवसर पर हर वर्ष उल्हासनगर शहर में प्रभातफेरी का आयोजन धूम धाम से होता है जिसमे बडी संख्या में सिख समुदाय और गुरुनानक देव को मानने वाले सिंधी समुदाय के लोग शामिल होते है उनके साथ ही उल्हासनगर शहर के बड़ी हस्तियां, व्यापारी, आमदार, नगरसेवकों का भी गुरुनानक देव के जयंती उत्सव पर होने वाली प्रभातफेरी में योगदान होता है।
इस वर्ष सोमवार, ३० नवंबर को गुरुनानक जयंती महोत्सव है लेकिन कोरोना के नियमों के चलते प्रभातफेरी निकलने की अनुमति प्रशासन ने अभी तक नही दी है, इससे सिख समाज और शहरवासियों में नाराजगी छाई हुई है। सिख समाज प्रशाशन और आयुक्त से यह ही गुज़ारिश करता है एक दिवसीय प्रभातफेरी की अनुमति दी जाए। आयुक्त अपने विशेषाधिकार का उपयोग करके सिख समाज और शहरवासियों के आस्था का सम्मान करते हुए कोरोना नियमों जैसे मास्क और सामाजिक दूरियों के साथ एकदिवसीय प्रभातफेरी की अनुमति देवे।
जिस प्रकार अप्रैल २०२० के महीने में कोरोना फ्रंट लाइन वारियर्स जैसे डॉक्टर्स, सफाई कर्मचारी, पोलिस आदी के सम्मान में एक रैली का आयोजन बिरला गेट, उल्हासनगर कैम्प क्रमांक १ से गोल मैदान तक हुआ था, जिसमे पुलिस प्रशासन तथा महानगर पालिका प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारी उनके साथ शहर के वरिष्ठ नेताओं और सामाजिक कार्यकर्तओं का समावेश था उसी प्रकार गुरुनानक जयंती के अवसर पर ३० नवंबर को प्रभातफेरी की अनुमति दी जाए।
ज्ञात हो पिछ्ले वर्ष गुरुनानक जयंती पर उल्हासनगर की प्रभातफेरी पूरी दुनिया मे सबसे बड़ी प्रभातफेरी के नाम से जानी गयी तथा लिम्का बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स और अन्य कई रिकार्ड्स में उल्हासनगर का नाम दर्ज हुआ था, जिससे उल्हासनगर का नाम रोशन हुआ था और शहरवासियों के लिए गर्व की बात थी, तो इस वर्ष भी सिख समाज को नाराज़ ना करते हुए प्रशाशन अपने विशेषाधिकार का उपयोग करके सिख समाज को गुरुनानक जयंती के अवसर पर प्रभातफेरी की अनुमति देवे ।
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