उल्हासनगर (आनंद कुमार शर्मा)
कैलाश खेर, ४७ वर्षीय बॉलीवुड के जाने माने सुप्रसिद्ध पॉप-रॉक गायक है, जिनके करोडों चाहने वाले है औऱ जिनके सोशल मीडिया पर लाखों फैन्स फॉलोवर्स है।
२५ अगस्त २०२० को गायक कैलाश खेर ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर जिसके ५ लाख से ज़्यादा फॉलोवर्स है, उसपर देश के राष्ट्रगान को संशोधित करने पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और भारत के गृह मंत्री अमित शाह को सोशल मीडिया ट्विटर के माध्यम से राष्ट्रगान की एक पंक्ति पंजाब-सिन्ध-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग....
में सिंध प्रांत को वापस ले या फिर राष्ट्रगान में को संशोधन करने की पोस्ट पर सिंधी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा है।
सुप्रीम कोर्ट ने १३ मई २००५ के एक आदेश में ही राष्ट्रगान में से सिन्ध शब्द को हटाने के पिटीशन को खारिज करते हुए जुर्माना लगाया था ताकि कोई और इस तरह कभी राष्ट्रगान पर संशोधन की बात ना करें, इस सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए कैलाश खेर ने सोशल मीडिया ट्विटर पर पोस्ट किया है।
गायक कैलाश खेर को उल्हासनगर के जय झुलेलाल संघर्ष सेवा समिती ने क़ानूनी नोटिस भेजा है जिसके अंतर्गत गायक को ७ दिनों के अंदर देशवासियों से तथा खासतौर पर देश के सिन्धी समुदाय के लोगों को सार्वजनिक तौर माफ़ीनामा दे अन्यथा कैलाश खेर पर IPC की धारा १५३(अ), २९५(अ) ५०१ के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होगा ऐसा एडवोकेट मोनीष भाटिया ने नोटिस में दिया है।
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