उल्हासनगर: (आनंद कुमार शर्मा)
हर वर्ष भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी पुरे देश मे बड़े हर्ष उल्हास से मनाई जाती है।
मंदिरों में मध्यरात्रि १२:०० बजे श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
कृष्ण भक्त अपने आराध्य के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में सामुहिक भजन किर्तन और नृत्य श्रृंगार कर कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाते है।
महाराष्ट्र राज्य में कृष्ण जन्माष्टमी का बड़ा महत्व होता है, कृष्ण जन्म के बाद पूरे दिन विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में दहीहांड़ी का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाता है।
इस २०२० वर्ष में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए सम्पूर्ण देश मे लॉकडाउन किया गया और कई कड़े कदम उठाए गए, इसी नियमों के अंतर्गत देश के सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया जिसके चलते हर वर्ष की तरह कृष्ण जन्मोत्सव मंदिरों में नही मनाया गया।
इस वर्ष केवल मंदिरों के पुजारी और परिवार के कुछ लोगों ने कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूजा अर्चना कर में सादगी से मनाया गया और भगवान कृष्ण से इस कोरोना के प्रकोप से सबको सुरक्षित रखने की प्राथना की गई।
दूसरी तरफ लॉकडाउन औऱ कोरोना काल मे, ११ औऱ १२ अगस्त २०२० को कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव घर घर मे लोगो ने बडे आनंद के साथ अपने बच्चों को कृष्ण के लिबास पहना कर, घर मे भजन किर्तन कर एक सकारात्मक ऊर्जा के साथ परिवारजनों संग मनाया।
आइए देखते है घरों में मनाए गए कृष्ण जन्माष्टमी उत्साह - महोत्सव की कुछ झलकियां।
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