उल्हास नदी और वालधुनी नदी का संगम आज भी प्रदूषित



उल्हासनगर:

सह्याद्रि पर्बत, मलंगगढ़ के तावली पहाड़ों से शुद्ध और निर्मल शुरुआत से बोहोनोली गांव से बहते हुये अम्बरनाथ काकोले गांव के जिआईपीआर डैम में समाने वाली और इस डैम के ओवरफ्लो से बहने वाली वालधुनी नदी के शुद्ध निर्मल बहते पानी को अम्बरनाथ उल्हासनगर कल्याण में प्रवेश करते ही थर्माकोल, लकड़ी, रंगबिरंगे केमिकल छोड़े जाने से दुषित होते हुए हम सैंकड़ों बार देख चुके है,
आज कल्याण शहाड के करीब सेंचुरी केमिकल कम्पनी के करीब से बहती केमिकल युक्त वालधुनी नदी में योगीधाम के करीब पिला रंग देखा गया, थर्माकोल के बड़े बड़े टुकड़े देखे गये,
वालधुनी बिरादरी और वालधुनी नदी स्वच्छ्ता समिती कल्याण पश्चिम योगीधाम स्थित नदी प्रेमी कार्यकर्ताओ सुनील उतेकर, विनोद शिरवाडकर, पंकज डोईफोडे और वालधुनी बिरादरी की अनुष्का शर्मा जी के साथ वालधुनी और उल्हास नदी के संगम पे जाकर जानकारी लिये जाने पर स्थानीय रहिवासी और सालों से उल्हास नदी में मछली पकड़ने का व्यवसाय करने वाले श्री गणेश तरे जी द्वारा बताया गया कि, कल्याण योगीधाम से बहती हुई वालधुनी नदी का संगम कल्याण अंबिवली के वडवली गांव गणेश घाट श्मशान भुमी के यहां उल्हास नदी में संगम होते हुये वो बचपन से देख रहे है, वालधुनी नदी से आता दैनिक रासायनिक प्रदूषण उल्हास नदी को कैसे घातक बनाता है, स्थानिक नागरिकों, जानवरों और मछलियों पर कैसा असर पड़ता है उसकी जानकारी भी स्थानिकों द्वारा दी गयी,
उल्हास और वालधुनी नदी बिरादरी कार्यकर्ताओं द्वारा एमपीसीबी को ट्विट करके जानकारी दी जाती है तब एमपीसीबी अधिकारियों का कहना होता है कि, डरने की ज़रूरत नहीं, उल्हास नदी और वालधुनी नदी का कोई सम्बन्ध नहीं...!!!
बावजुद इसके, आज हम सबने देखा कि उल्हास नदी और वालधुनी नदी का संगम आज भी प्रदूषित दिखाई दिया, हज़ारो किलो थर्माकोल के टुकड़े, केमिकल युक्त पिला झागवाला पानी उल्हास नदी में वालधुनी नदी द्वारा आ मिलता हुआ कल्याण अंबिवली के वडवली गांव गणेश घाट श्मशान भुमी के यहां पवित्र संगम स्थल पर स्पष्ट दिखाई दिया।




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