उल्हासनगर (आनंद कुमार शर्मा)
कोरोना काल और लॉकडाउन के समय फिर एक बार उल्हासनगर महानगरपालिका ने शहर में धोखादायक औऱ अतिधोखादायक इमारतों की सुची जारी की है।
मनपा ने ७ जुलाई को एक बार फिर क्षेत्र की कुल १५० इमारतों की सूची जारी की है जिसमें से ३० अतिधोखादायक इमारतों का जिक्र है जिसे पूरी तरह निरस्त - निस्कासित किया जाना है और १२० ऐसी इमारतें है जिन्हें तुरंत मरम्मत कर स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की आवश्यकता है।
बता दे कि इससे पूर्व १ जून को मनपा ने यह सूची जारी की थी जिसके तहत कुछ इमारतों पर तुरंत कार्यवाही की गई थी, जिसके विरोध में शहर के समाजसेवी और संघटन आगे आकर प्रशासन को कोरोना संकट में इमारतों रहवासियों का पुनर्वसन के बिना इमारतों को निष्कासन नही करने की अपील की थी। साथ ही विश्व सिंधी सेवा संगम के अध्यक्ष प्रकाश तेलरेज, क़ानूनी सलाहकार एडवोकेट मोनीष भाटिया और चंदन तिलोकनी ने २ जुलाई को आयुक्त से मुम्बई उच्च न्यायालय के निर्दिशों के तहत १५ जुलाई तक कोरोना महामारी और लॉकडाउन में १९ मार्च तथा १५ जून के आदेश का हवाला देते हुए कोई भी कार्यवाही नही करने का पत्र दिया था, जिसमे मुम्बई उच्च न्यायालय के निर्दिशों की शहर में मनपा द्वारा अनदेखी कर अवहेलना का जिक्र किया और अगर प्रशासन आगे कार्यवाही जारी रखती है तो इस मुद्दे को पब्लिक लिटिगेशन इंटरेस्ट के तहत मनपा प्रशासन के खिलाफ मुम्बई उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर करने की चेतावनी विश्व सिंधी सेवा संगम ने दी है।
अब उल्हासनगर मनपा ने पुनः ७ जुलाई २०२० को १५० इमारतों की सुची जारी करते हुए, १२० इमारतों के रहवासियों को तुरन्त मनपा के अधिकृत इंजिनीयर से जांच कराकर उसकी मरम्मत करके तुरंत स्ट्रक्चरल ऑडिट मनपा में जमा कराने को कहा गया है।
१५० इमारतों की पूरी सूची नीचे छायाचित्रों में दी गयी है।
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