July 2020



उल्हासनगर:

सह्याद्रि पर्बत, मलंगगढ़ के तावली पहाड़ों से शुद्ध और निर्मल शुरुआत से बोहोनोली गांव से बहते हुये अम्बरनाथ काकोले गांव के जिआईपीआर डैम में समाने वाली और इस डैम के ओवरफ्लो से बहने वाली वालधुनी नदी के शुद्ध निर्मल बहते पानी को अम्बरनाथ उल्हासनगर कल्याण में प्रवेश करते ही थर्माकोल, लकड़ी, रंगबिरंगे केमिकल छोड़े जाने से दुषित होते हुए हम सैंकड़ों बार देख चुके है,
आज कल्याण शहाड के करीब सेंचुरी केमिकल कम्पनी के करीब से बहती केमिकल युक्त वालधुनी नदी में योगीधाम के करीब पिला रंग देखा गया, थर्माकोल के बड़े बड़े टुकड़े देखे गये,
वालधुनी बिरादरी और वालधुनी नदी स्वच्छ्ता समिती कल्याण पश्चिम योगीधाम स्थित नदी प्रेमी कार्यकर्ताओ सुनील उतेकर, विनोद शिरवाडकर, पंकज डोईफोडे और वालधुनी बिरादरी की अनुष्का शर्मा जी के साथ वालधुनी और उल्हास नदी के संगम पे जाकर जानकारी लिये जाने पर स्थानीय रहिवासी और सालों से उल्हास नदी में मछली पकड़ने का व्यवसाय करने वाले श्री गणेश तरे जी द्वारा बताया गया कि, कल्याण योगीधाम से बहती हुई वालधुनी नदी का संगम कल्याण अंबिवली के वडवली गांव गणेश घाट श्मशान भुमी के यहां उल्हास नदी में संगम होते हुये वो बचपन से देख रहे है, वालधुनी नदी से आता दैनिक रासायनिक प्रदूषण उल्हास नदी को कैसे घातक बनाता है, स्थानिक नागरिकों, जानवरों और मछलियों पर कैसा असर पड़ता है उसकी जानकारी भी स्थानिकों द्वारा दी गयी,
उल्हास और वालधुनी नदी बिरादरी कार्यकर्ताओं द्वारा एमपीसीबी को ट्विट करके जानकारी दी जाती है तब एमपीसीबी अधिकारियों का कहना होता है कि, डरने की ज़रूरत नहीं, उल्हास नदी और वालधुनी नदी का कोई सम्बन्ध नहीं...!!!
बावजुद इसके, आज हम सबने देखा कि उल्हास नदी और वालधुनी नदी का संगम आज भी प्रदूषित दिखाई दिया, हज़ारो किलो थर्माकोल के टुकड़े, केमिकल युक्त पिला झागवाला पानी उल्हास नदी में वालधुनी नदी द्वारा आ मिलता हुआ कल्याण अंबिवली के वडवली गांव गणेश घाट श्मशान भुमी के यहां पवित्र संगम स्थल पर स्पष्ट दिखाई दिया।





आनंद कुमार शर्मा

कोरोना काल के समय मे एक तरफ आम जनता रोजगार के साधन तलाश रही है तथा महामारी से बचने के लिए कई उपाय कर रही है, वहीं दूसरी तरफ शहर में विभिन्न राजनीतिक पार्टियाँ किसी न किसी मुद्दे पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते दिखाई दे रहे है। अगर कुछ काम अच्छे हुए तो उसकी वाह-वाही लेने में सब आगे आते है और गलत होते ही एक दूसरे पर बयानबाजियों का सिलसिला सुरु कर देते है।

जुलाई की सुरुवात से शहर में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को नियंत्रण में लाने के लिए फिर से लॉकडाउन लगाया गया था जिसे २०-२२ जुलाई को समाप्त कर मिशन बिगिन अगेन के तहत P1/P2 नियमों के अनुसार और प्रतिबंदित व्यापार को छोड़ कर बाकी दुकानों को लॉकडाउन के दिशानिर्देशों के अनुरूप खोलने और व्यापार करने की छूट दी गयी है।

जुलाई महीने में किये गए लॉकडाउन का असर देखने को मिल रहा है, इस लॉकडाउन के करण बढ़ते कोरोना संक्रमण पर बोहोत हद तक क़ाबू पाया गया इसलिए इसे सफल लॉकडाउन कह सकते है। अगर लॉकडाउन नही होता तो मुमकिन है कि आज की तारीख में रोजाना कल्याण में १००० और उल्हासनगर में ५०० के पार मिलते कोरोना के नए संक्रमित मरीज। पूरे महाराष्ट्र राज्य में कल्याण डोम्बिवली और उल्हासनगर शहर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महानगरपालिका क्षेत्र की गिनती में आते है, इन क्षेत्रों में न केवल संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया गया अपितु एक्टिव मरीजो की संख्या मे भी कमी देखी जा रही है।

नियंत्रण में आये कोरोना संक्रमण फिर से लोगों की लापरवाही और प्रशासन की ढिलाई से बेकाबू ना हो इसके लिये प्रशासन को कड़े कदम और व्यापारियों को सावधानी बरतनी जरूरी है।

न्यू आजादी टाईम्स की तरफ से हम एक बार फिर शहर की जनता, व्यापारियों और राजनीतिक पार्टियों के लोगों से शहर को कोरोना मुक्त करने के अभियान के उद्देश्य को सामने रखते हुए दिए गए नियमों का पालन करने और जो गलतियां मई और जून महीने में की गई थी उन्हें फिर से ना दोहराने की अपील करते है।



आनंद कुमार शर्मा

उल्हासनगर जैसे छोटे से शहर में कोरोना पर नियंत्रण रखना कोई बड़ी बात नही थीं और ना ही बड़ी बात है अगर शहर के कुछ चुनिंदा अधिकारी तथा नुमाइंदे अपना स्वार्थ छोड़ कर सिर्फ शहर हित और समाज हित मे कोरोना मुक्त शहर अभियान को सही दिशा और तरीके से अंजाम दे लेकिन ऐसा नही होना दुर्भाग्यपूर्ण साबित हो रहा है।
जिस शहर की मिसाल अप्रैल और मई सुरुवात तक कोरोना पर काबू रखने के लिए दिया करते थे उसका हल कुछ स्वार्थी लोगों के कारण बेहाल हो गया।

देखते है कुछ सत्य तथ्यों के आधार पर, उल्हासनगर शहर में मई २०२० कि सुरुवात तक मात्र १५ कुल कोरोना संक्रमित व्यक्ति थे, लेकिन कुछ संगठन और पार्टियों के दबाव के चलते १० मई से मानसून पूर्व तैयारियों के लिए कुछ दुकानों को खोलने की मंजूरी उस समय के अयुक्त सुधाकर देशमुख ने दी लेकिन उसका गलत फायदा उठाकर शहर के व्यापारियों ने नियमों की अनदेखी करनी सुरु कर दी, बिना अनुमति के विभिन्न दुकानों ने काम सुरु कर दिया, सोशल डिस्टनसिंग, फेस मास्क आदी नियमों की धज्जियाँ उड़नी सुरु हो गयी, जिन दुकानों को होम डिलीवरी के नियमों के तहत व्यवसाय करने की छूट मिली थी उन्होंने काउंटर बिक्री सुरु कर कोरोना को निमंत्रण देना सुरु कर दिया और जब तक आयुक्त इस पर नियंत्रण औऱ लगाम लगा पाते उनका तबादला हो गया जिसके तहत खुलकर नियमों को दरकिनार कर दिया गया। शहर मे सारे प्रतिबंदित चीजें मिलने लगी शराब, गुटखा, तंबाखू, बीड़ी, सिगरेट खुलेआम बिकने लगा साथ ही रास्तों पर नास्ते के ठेले जैसे चाइनीस, वड़ा पाव, बटर पपड़ी, आदि बिकने सुरु हो गए थे जिनके सेवन से लोगों के स्वस्थ पर असर पड़ना स्वाभाविक था तथा कोरोना प्रकोप का ख़तरा तो शहर के दरवाजों पर इसी का इंतज़ार करते खड़ा था, जिसका नतीजा वही हुआ, ९ मई २०२० तक शहर में १५ कोरोना संक्रमित मरीजों से मई अंत तक आंकड़ा ३०० हो गया।

जून महीने में मिशन बिगिन अगेन के तहत तो मानो शहरवासियों और व्यापारियों को नियमों की अनदेखी करने में पंख लग गए जिसके कारण जून अंत तक कोरोना से संक्रमित लोंगो का आंकड़ा २००० पार हो गया।  शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचारों में भी प्रशासन की नाकामयाबी देखने को मिली, मरीजों को वेंटिलेटर और ऑक्सिजन बेड की कमी, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अनेक ऐसे कारण देखे गए।

इन सबके के बीच उल्हासनगर शहर में फिर एक बार नए आयुक्त डॉ राजा दयानिधि की नियुक्ति हुई जिन्होंने अपना पदभार संभालते ही शहर के सभी अस्पतालों और चिकित्सा सेवाओं का जायजा लिया और कोरोना पर काबू पाने के लिए आवश्यकता अनुसार कदम उठाते हुए २ जुलाई से २२ जुलाई तक लॉकडाउन कर बाकी सुविधाओं पर काम सुरु किया जिसके नतीजों के तहत शहर में चिकित्सा व्यवस्था में काफी सुधार देखने की मिला है और कोरोना संक्रामित एक्टिव  मरीजों कि संख्या मे गिरावट आई।

अब फिर से शहर अनलॉक हो गया है लेकिन २३ जुलाई से अनलॉक हुए शहर में सही तरीके से नियमों पालन
नही हो रहा है। डर है कि नियंत्रण में आये कोरोना संक्रमण फिर से लोगों की लापरवाही और प्रशासन की ढिलाई से बेकाबू ना हो इसका ख्याल रखना जरूरी है।





आनंद कुमार शर्मा

वैश्विक महामारी नॉवल कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया बेहाल है, पूरी दुनिया मे लाखों लोगों की मृत्यु हुई है और सिर्फ भारत मे ३२००० से ज्यादा लोगों की मौत इस कोरोना के संक्रमण से हुई है तथा लगभग अभी तक १४ लाख लोग कोरोना के शिकार हो चुके है।
जहाँ पूरा विश्व एक तरफ कोरोना की विभिन्न वैक्सीन बाजार में लाने की तरफ अग्रसर है वहीं भारत मे दूसरी तरफ डॉ बिस्वरूप रॉय चौधरी पिछले ५-६ महीनों से सोशल मीडिया के माध्यम से कई बार अलग अलग विडियो बनाकर भारत और पूरी दुनिया के सामने बोलते आये है कि कोरोना कोई नई बीमारी नही है, एक साधारण फ्लू है जिसे ILI इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी कहा जा सकता है, जो सदियों से अस्तित्व में थी जिससे डरने की जरूरत नही है।

शनिवार २५ जुलाई को मीडिया के सामने आके लॉकडाउन के बाद डॉ बिस्वरूप ने प्रेस क्लब में लगभग ढाई घंटो की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कई चौकाने वाले तथ्यों के साथ कोरोना काल मे अपनी दूसरी किताब N.I.C.E. लॉन्च करते हुए कहा कि अभी तक १०००० कोरोना संक्रमित मरीजों को बिना किसी दवाई के, बिना पैसे खर्च करते हुए और बिना किसी की जान गवाए ठीक किया है। अपनी किताब मैं ५००० लोगों के नाम दिए है जिनको उन्होंने अपने नेटवर्क ऑफ इन्फ्लुएंजा केअर एक्सपर्ट के माध्यम से नॉवल कोरोना संक्रमण से बचाया है, ८०% से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों को मात्र ३ दिनों में ठीक किया है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ बिस्वरूप के साथ डॉ कोठारी, डॉ पाटिल और दूसरे अन्य एक्सपर्ट ने भी हिस्सा लिया और नॉवल कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों को जैसे मास्क लगाना, बार बार सैनिटाइजर से हाथ साफ करना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, आदि को बेबुनियाद साबित करते हुए बाजार में कोरोना की दवाई को खतरनाक बोला है जिसके कारण लोगों की जान जा रही है और उस दवाइयों का असर आने वाली पीढ़ियों तक देखने को मिल सकता है और इसके कारण इनफर्टिलिटी दर बढ़ने का खतरा बना हुआ है।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए ४७ वर्ष के डॉ बिस्वरूप रॉय चौधरी ने चिंता व्यक्त की है कि अगर इसी तरह चलता रहा तो आने वाले कुछ महीनों में देश आर्थीक गुलाम बन सकता है तथा केंद्र सरकार और प्रशासन पर कई सवालिया निशान दर्शाए है साथ ही रेड मार्केट यानी शरीर के अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह की सक्रिय भूमिका पर आशंका व्यक्त की है।
आज का कोरोना कब खत्म होगा इस सवाल का स्पष्ट जवाब देते हुए कहा कि आज से डरना छोड़ो कोरोना खत्म।



आनंद कुमार शर्मा

पूरे विश्व मे कोरोना महामारी के संकट के चलते और रोजाना बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज तथा देखभाल के लिए सरकार ने कई निजी अस्पतालों को उनके निवेदन पर निजी कोविड अस्पताल घोषित किया गया हैं।
उसके साथ ही कोरोना संक्रमण से ग्रस्त लोगों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों को विभिन्न इलाज शुल्क की सूची जारी कर दिशानिर्देश दिए गए है, लेकिन निजी अस्पतालों ने मौके का नाजायज फायदा उठाते हुए और सरकारी दिशानिर्देशों पालन न करते हुए मरीजों  को भारी भरकम रक्म चुकाने पर मजबूर करते है।
इस तरह के लूट कांड का जमकर   विरोध करते हुए राष्ट्र कल्याण पार्टी के शैलेश तिवारी ने कल्याण पश्चिम के निजी मीरा अस्पताल के मनमानी बिल देने और मरीजों के परिजनों पर दबाव बनाने के लिए, उक्त अस्पताल पर हमला बोला तथा वहाँ के डॉक्टर को कहाँ की  इस महामारी के समय जनता को लूटने में शर्म नही आती?
देश की जनता ने डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया है लेकिन कुछ स्वार्थी डॉक्टर ने इसे बदनाम करने में कसर नही छोड़ रहे है।

दूसरी तरफ उल्हासनगर के विवादित सत्य साई प्लैटिनम अस्पताल के ऊपर भी मनसे के सचिन कदम ने हमला बोला तथा लोगों को सरकारी दिशानिर्देश में दिए गए शुल्क और उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी।

आइए देखते है कैसे शैलेश तिवारी ने कल्याण के मीरा अस्पताल और सचिन कदम ने उल्हासनगर के प्लेटिनम अस्पताल पर हमला बोला।







आनंद कुमार शर्मा

वैश्विक महामारी का कहर पूरी दुनिया के साथ अपने देश भारत मे भी लगातार बढ़ता जा है, आज १९ जुलाई २०२० के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना से ११ लाख लोग अभी तक संक्रमित  हो चुके हैं।
वहीं इस वायरस की चपेट में आने से लगभग २७००० लोगों की मौत हो चुकी है ।

पिछले एक महीने में देश मे ७,००,००० से ज्यादा नए कोरोना पॉजिटिव मामलें सामने आए है। पिछले एक महीने में ३००% की बढ़ोतरी हुई हैं, १९ जून २०२० की रिपोर्ट के अनुसार उस दिन तक ३,८०,००० संक्रमित थे जो आज ११ लाख के पार हो रहे है।

भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर ।
अमेरिका और ब्राजील के बाद कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं। आज ब्राजील में लगभग २० लाख और अमेरिका में लगभग ३८ लाख लोग कोरोना से प्रभावित हो चुके है।

अगर भारत देश मे सख्त इंतज़ाम नहीं किए गए और इस महामारी पर क़ाबू नही हुआ और इसी रफ्तार से संक्रमण फैलता गया तो बोहोत मुमकिन है कि अगले एक महीने में भारत विश्व मे दूसरे और उसके बाद प्रथम स्थान पर लगभग दो महीनों में हो।

देश मे सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है जहाँ कोरोना संक्रमित ३लाख के पार हो चुके है। राज्य में सबसे ज्यादा प्रभावित है मुम्बई और ठाणे अबतक यहाँ कुल मामलें १,७५,००० के पर है। ठाणे जिल्हा में सबसे ज्यादा मामलें अब कल्याण डोम्बिवली महानगरपालिका क्षेत्र में बढ़ रहे है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का कहना है कि भारत में कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड (Community Spread) शुरू हो गया है हालात खराब हो गए हैं और अब यह ग्रामीण इलाकों में फैल रहा है, जो बुरा संकेत है।
एक मीडिया खबर के मुताबिक इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरपर्सन डॉ. वीके मोंगा का यह बयान बेहद अहम है, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार कह रहा है कि अब तक भारत में कोरोना वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू नहीं हुआ है तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के इस दावे को कई हेल्थ एक्सपर्ट चैलेंज भी कर चुके हैं। डॉ. मोंगा ने कहा कि अब कोरोना वायरस गांवों कस्बों में फैल रहा है, जिसके चलते हालात को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।


आनंद कुमार शर्मा

उल्हासनगर की राजनीति में पहली बार मीडिया में बोले शहर कांग्रेस महासचिव तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्टीय प्रशिक्षक अमर जोशी।
कोरोना काल मे बिना मीडिया में आये अमर जोशी ने जब शहर में कोरोना ने दस्तक भी नही दी थी तब से, आज की भावयक परिस्थितियों में हो रहे कोरोना संक्रमण के विकराल रूप की तैयारियों के लिए प्रशाशन को पत्र व्यवहार करके तथा खुद महानगरपालिका में उस समय के आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग और सभापति महोदय से मुलाकात कर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया था।
शहर के प्रशासन ने उस समय कोविड-१९ के अहम मुद्दे को अनदेखी करते हुए निश्चिन्त भाव से काम करते रहे, उसके बाद भी अमर जोशी ने पार्टी के माध्यम से कई पत्र व्यवहार करते हुए कई मुद्दे प्रशासन के समक्ष रखने का प्रयास किया, जैसे शहर में ज्यादा से ज्यादा कोरोना की टेस्टिंग कराई जाए, शहर में कोविड हॉस्पिटल, आइसोलेशन वर्ड्स, क्वारंटाइन कोविड केअर सेंटर्स, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया था। उस समय अगर प्रशासन ने जरूरी कदम उठाया होता तो उल्हासनगर शहर में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी से लोगों की जान को बचाया जा सकता था।

आज शहर मे इसी विषय पर चर्चा, आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चालू है, मुलभूत स्वास्थ्य चिकत्सा की कमी को दूर करने के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने कई मुद्दों को मनपा में बैठे सत्ताधारियों और प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए है।
वर्तमान परिस्थिति में एक और शहर में इलेक्ट्रॉनिक शवदाह की जरूरत और दूसरी तरफ वेंटिलेटर की जरूरत पर खूब चर्चा हो रही है।

पिछले ४ महीनों से शहर और राज्य में लॉकडाउन से आम जनता को अपना घर चलाने मुश्किल हो रहा है, इसके लिए पहले भी कॉंग्रेस की तरफ से केंद्र सरकार से हरएक परिवार के बैंक खातों में महीने का जरूरी मदद की गुहार लगाई थी, आज अगर वो भी सरकार कर देती है तो भी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

आइये देखते है क्या है कहना इन सब मुद्दों पर कांग्रेस के ट्रेनर अमर जोशी का।





आनंद कुमार शर्मा

उल्हासनगर मनपा के जन सम्पर्क अधिकारी युवराज भेदने ने बताया कि मनपा आयुक्त डॉ. राजा ने शहर के सभी प्रभाग समिति के अंतर्गत प्रभाग अधिकारी, महापालिका सदस्यों, सभापति, महापौर, विभिन्न पदाधिकारियों और प्रभागीय नगरसेवकों के साथ क्रम अनुसार प्रभाग १ से प्रभाग ४ तक ऑनलाइन ज़ूम मीटिंग की और उन्हें शहर में कोरोना महामारी से लड़ने, रोकथाम करने के साथ प्रमुखता से कोरोना से मृत्यु दर कम करने तथा शहर को कोरोना मुक्त करने के लिए मनपा द्वारा क्या तैयारीयां की जा रही है उसकी जानकारी दी गयी।

आयुक्त डॉ. राजा द्वारा प्रमुख बातें कुछ इस प्रकार है

१. शहर में मृत्यु दर कम करना तथा शहर को कोरोना मुक्त करना प्रथम उद्देश्य।
२. रेमडेसीवीर तथा दूसरी जीवनरक्षक दवाइयां और इंजेक्शन को शहर में जल्द से जल्द उपलब्ध कराना।
३. सरकारी हस्पतालों में ज्यादा वेंटीलेटर उपलब्ध कराना और उसे नियंत्रित करने वाले डॉक्टर या प्रशिक्षित नर्स को नियुक्त करना।
४. शहर में बिना प्रिस्क्रिप्शन कुछ कालाबाजारीयों मार्फत बिक रही दवाइयों पर लगाम लगाना।
५. मुख्य रूप से के दक्षता कमिटी के गठन कर शहर के स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रणाली पर नजर रखना।
६. नए कोविड केअर सेंटर और कोविड हस्पतालों को महापालिका अंतर्गत लेना जिसमे उल्हासनगर रहवासियों के लिए आर.के.टी. कॉलेज, सी.एच.एम. कॉलेज, न्यू ऐरा स्कूल, राधा स्वामी सत्संग हॉल फॉरवर् लेन, टाउन हॉल, रीजेंसी हॉल लेना तथा म्हाराल और वरप ग्रामपंचायत के लिए वरप राधा स्वामी सत्संग हॉल में ३०० बेड और रीजेंसी एंटिला में १५० बेड की व्यस्था करना।
७. शहर में नए कोविड टेस्टिंग लैब की सुरुवात करना जिससे जल्द रिपोर्ट मिल सके और कोविड सस्पेक्टेड मरीजों को उपचार मिल सके।
८. एंटीजेंट टेस्ट किट मंगवाना जो मात्र १५-३० मिनिट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि करता है।
९. प्रत्येक हस्पतालों में आरोग्य मित्र नियुक्त करना जो महात्मा फुले जन आरोग्य योजना द्वारा मरीजों की मदद करेगा।
१०. प्रत्येक विभाग और प्रभाग में स्वयंसेवक नियुक करना जो प्रत्येक घर जाके जाँच करेंगे, ऐसे कुल ३००-४०० स्वयंसेवकों जरूरत अनुसार नियुक्त करना।

इन् सब के अलावा ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट करते हुए जो कोरोना संक्रमित है उनका इलाज करना इसके साथ और जो भी उपाय शहर हित मे होंगे उसे अमल में लाने की बातें डॉ. राजा दयानिधि ने की है जिसके चलते उल्हासनगर शहरवासियों में शहर कोरोना मुक्त होगा ऐसी एक उम्मीद की किरण जागी है तथा शहर के जनप्रतिनिधियों, नगरसेवकों और समाजसेवकों ने की आयुक्त डॉ. राजा के प्रयासों प्रशंशा करते हुए हर मुमकिन सहयोग देने का वादा किया है।




आनंद कुमार शर्मा

उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र ठाणे जिल्हा के अंतर्गत सबसे घनी आबादी वाला शहर होने के कारण वैश्विक महामारी नॉवल कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस कोविड-१९ के प्रकोप से शहर की जनता को बचाने और इस बीमारी से संक्रमित हुए लोगों को जल्द से जल्द इलाज उपलब्ध कराके सभी मरीजों कोरोना मुक्त करने के तमाम प्रयास किए जा रहे है, ताकि किसी की भी कोरोना से मृत्यु ना हो।

इसी महत्वपूर्ण उद्देश्य के मद्देनजर उल्हासनगर मनपा के नए आयुक्त डॉ. राजा दयानिधि ने अपना पदभार संभालने के कुछ ही दिनों में खुद पीपीई किट पहन कर पुरे शहर के चिकित्सा विभागों, कोविड हस्पतालों, कोविड केअर सेंटर्स, में जाकर वहां की परिस्थितियों का जायजा लिया और वहाँ पर मरीजों से उनका हाल जानने के बाद सभी डॉक्टरों से और शहर के मेडिकल एसोसिएशन के साथ मिलकर स्वस्थ विभाग की कमी को कैसे जल्द से जल्द दुरुस्त करें इसपर विचार विमर्श करने के साथ ही तुरंत राज्य के प्रमुख सचिव और ठाणे जिल्हा के जिल्हाधिकारी के समक्ष शहर की चिकित्सा प्रणाली को दुरस्त करने की बातें रखी और उस पर काम सुरु किया गया।

उल्हासनगर मनपा आयुक्त डॉ. राजा ने शहर के सभी प्रभाग समिति के अंतर्गत प्रभाग अधिकारी, महापालिका सदस्यों, सभापति, महापौर, विभिन्न पदाधिकारियों और प्रभागीय नगरसेवकों के साथ क्रम अनुसार प्रभाग १ से प्रभाग ४ तक सुबह ११:०० बजे से शाम ६:०० बजे तक सभी से ऑनलाइन ज़ूम मीटिंग की और उन्हें शहर में कोरोना महामारी से लड़ने, रोकथाम करने के साथ प्रमुखता से कोरोना से मृत्यु दर कम करने तथा शहर को कोरोना मुक्त करने के लिए मनपा द्वारा क्या तैयारीयां की जा रही है उसकी जानकारी देते हुए सबसे शहर हित मे सुझाव भी मांगने और सभी को अपने वार्ड में लोगों को मदद करने की अपील भी की।





आनंद कुमार शर्मा

कोरोना के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के मद्देनजर महाराष्ट्र में मुम्बई और ठाणे शहर औऱ ठाणे जिल्हा के अंतर्गत सभी जगहों पर लॉकडाउन को १२ जुलाई से बढ़ाकर १९ और उल्हासनगर में २२ जुलाई तक कर दिया गया है।

कोरोना मुक्त शहर अभियान में इस बढ़े हुए लॉकडाउन को और सख्ती से पालन करने की जरूरत है, क्योंकि लॉकडाउन के पहले से संक्रमित असिम्प्टोमैटिक मरीज अब कोरोना के लक्षण के साथ संक्रामित निकल रहे है, लेकिन लॉकडाउन को बढ़ाने का मुख्य कारण है कि इस समय संक्रमण दुसरो में ना फैले, इस कारण अब ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।

मुम्बई के धारावी में कोरोना पर काबू पाने के पैटर्न पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व की तारीफ करते हुए धारावी को कोरोना पर काबू पाने के लिए ग्लोबल रोल मॉडल घोषित किया गया है, बाकी दूसरे जगहों पर भी प्रशासन और आम जनता को मिलकर शहर कोरोना मुक्त करने की जरूरत है।

अंबरनाथ नगरपरिषद क्षेत्र में पहले से किये गए लॉकडाउन का सकारात्मक असर देखने को मिला रहा है, यहाँ कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों का कुल प्रतिशत १६.२७% है, जोकि पूरे ठाणे में सबसे कम है और इसी को देखते हुए अंबरनाथ का लॉकडाउन अब तक का सबसे सफल साबित हो रहा है, आगे भी अगर शहर की जनता और  प्रशाशन सतर्क रहें तो बोहोत ही जल्द अंबरनाथ कोरोना मुक्त शहर होगा।
आज अंबरनाथ में ९९ नए मामलों के साथ कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या २५७४ हो गयी है।
४१९ मरीजों का उपचार चल रहा है।
आज ८२ मरीजों ने कोरोना को मात देकर जीत हासिल की है।
२०७१ लोग कोरोना से ठीक हुए है।
आज ४ मरीजों की कोरोना से मृत्यु हुई है, जिसके पश्चात कुल संख्या ८४ हो गयी है।

कल्याण डोम्बिवली महानगरपालिका में आज शनिवार,११ जुलाई २०२० को लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड ६१५ नए कोरोना संक्रमण से ग्रस्त मरीज सामने आए है, शहर में अबतक कुल कोरोना पॉज़िटिव मरीजों की  संख्या १२१५२ हो गयी है।
आज ९ मरीजों की मृत्यु के बाद कुल १८१ मरीजों की कोरोना से मौत हो गयी है।
५६८१ मरीजों का उपचार विभिन्न  स्थानों पर चल रहा है।
कल के मुकाबले आज मात्र २१७ मरीजों ने कोरोना पर जीत हासिल की और अबतक कुल ६२९० लोग कोरोना को मात देकर ठीक हुए है।

उल्हासनगर महानगरपालिका में भी आज रिकॉर्ड २९५ नए मामलों के साथ कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या ३९१४ हो गयी है।
१६५९ मरीजों का उपचार विभिन्न कोविड हिस्पिटल और सेंटर्स पर चल रहा है।
आज १३८ मरीजों ने कोरोना पर जीत हासिल कर अबतक कुल २१९२ लोग  ठीक हुए है।
१ मरीजों की मौत के बाद कुल ६३ लोगों की आजतक कोरोना से मृत्यु हुई है।

कुलगाँव बदलापुर नगरपरिषद क्षेत्र में आज ७६ नए मामलों के साथ कुल संख्या १३५२ हो गयी है।
७२१ मरीजों का उपचार चल रहा है,
६११ लोग कोरोना से ठीक हुए है,
२० लोगों की कोरोना से मृत्यु हुई है।


न्यू आज़ादी टाइम्स की तरफ से हम शहरवासियों को कोरोना मुक्त शहर मुहिम में सहभाग लेकर अपने शहर को कोरोना मुक्त करें इसके लिए लॉकडाउन में प्रशासन द्वारा दिए गए नियमों का पालन करें, कृपया अपने परिवार का ध्यान रखे, घर से बाहर ना निकले और पोष्टिक आहार लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए।

घर पर रहें - सुरक्षित रहें।








उल्हासनगर (आनंद कुमार शर्मा)

कोरोना काल और लॉकडाउन के समय फिर एक बार उल्हासनगर महानगरपालिका ने शहर में धोखादायक औऱ अतिधोखादायक इमारतों की सुची जारी की है।
मनपा ने ७ जुलाई को एक बार फिर क्षेत्र की कुल १५० इमारतों की सूची जारी की है जिसमें से ३० अतिधोखादायक इमारतों का जिक्र है जिसे पूरी तरह निरस्त - निस्कासित किया जाना है और १२० ऐसी इमारतें है जिन्हें तुरंत मरम्मत कर स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की आवश्यकता है।

बता दे कि इससे पूर्व १ जून को मनपा ने यह सूची जारी की थी जिसके तहत कुछ इमारतों पर तुरंत कार्यवाही की गई थी, जिसके विरोध में शहर के समाजसेवी और संघटन आगे आकर प्रशासन को कोरोना संकट में इमारतों रहवासियों का पुनर्वसन के बिना इमारतों को निष्कासन नही करने की अपील की थी। साथ ही विश्व सिंधी सेवा संगम के अध्यक्ष प्रकाश तेलरेज, क़ानूनी सलाहकार एडवोकेट मोनीष भाटिया और चंदन तिलोकनी ने २ जुलाई को आयुक्त से मुम्बई उच्च न्यायालय के निर्दिशों के तहत १५ जुलाई तक कोरोना महामारी और लॉकडाउन में १९ मार्च तथा १५ जून के आदेश का हवाला देते हुए कोई भी कार्यवाही नही करने का पत्र दिया था, जिसमे मुम्बई उच्च न्यायालय के निर्दिशों की शहर में मनपा द्वारा अनदेखी कर अवहेलना का जिक्र किया और अगर प्रशासन आगे कार्यवाही जारी रखती है तो इस मुद्दे को पब्लिक लिटिगेशन इंटरेस्ट के तहत मनपा प्रशासन के खिलाफ मुम्बई उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर करने की चेतावनी विश्व सिंधी सेवा संगम ने दी है।

अब उल्हासनगर मनपा ने पुनः ७ जुलाई २०२० को १५० इमारतों की सुची जारी करते हुए, १२० इमारतों के  रहवासियों को तुरन्त मनपा के अधिकृत इंजिनीयर से जांच कराकर उसकी मरम्मत करके तुरंत स्ट्रक्चरल ऑडिट मनपा में जमा कराने को कहा गया है।

१५० इमारतों की पूरी सूची नीचे छायाचित्रों में दी गयी है।






















 आनंद कुमार शर्मा

वैश्विक कोरोना महामारी का प्रकोप शहर में अपना पैर फैला चुका है, रोजाना बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीज और समय पर सही तरीके से इलाज और कोविड हॉस्पिटल में बिना सिफारिशों के जल्दी नही मिल रही जगह से शहरवासियों में चिंता औऱ दुःख का माहौल बनता जा रहा है।

विभिन्न समाजसेवियों ने प्रशासन से व्यवस्थित ढंग से लोगों तक कोविड अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी तुरंत उपलब्ध होनी चाइये इसके लिए महानगरपालिका की वेबसाइट तकनीकी रूप से रोजाना दिन में लाइव अपडेट करने की मांग करते आये है।
इसके साथ ही कोविड सस्पेक्टेड मरीज जिनको तुरंत उपचार की जरूरत है उनके लिए रेड क्रॉस के अलावा दूसरा वैकल्पिक सेंटर तथा सेंट्रल हॉस्पिटल में वेंटिलेटर और उसके लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों को बढ़ाने की भी मांग कर रहे है।

दूसरी तरफ उल्हासनगर शहर के राजनीतिक गैलरियों में कोरोना ने काफ़ी हड़कंप मचा रखा है। शहर के पूर्व जनता पार्टी बाद में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ट पूर्व आमदार सितलदास हरचंदनी कोरोना संक्रमित है। शहर के वर्तमान आमदार कुमार अयलानी और उनके परिवार  कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आयी है। शहर के उपमहापौर भगवान भालेराव पहले से अपना इलाज करा रहे है तथा उन्होंने हॉस्पिटल से शहर के लोगों को सावधानी बरतने और अपने घरों में रहने का संदेश भी सोशल मीडिया पर दिया है।

न्यू आज़ादी टाइम्स की तरफ से शहरवासियों को अपिल की जाती है कि इस लॉकडाउन में प्रशासन द्वारा दिये गए नियमों का पालन करें, सबकों मिलकर जल्द से जल्द अपने शहर को कोरोना मुक्त शहर बनाना है। अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए इस कोरोना मुक्त मुहिम में भाग ले अपने आपको जागरूक रखे, बिना काम घर से बाहर ना निकले क्योंकि अब सरकार और प्रशासन सख्त है।

घर पर रहें - सुरक्षित रहें।



Anand Kumar Sharma

Today, ICMR has announced the launch date of Corona Vaccine till August 15, Independence Day in India, under the Corona Free Campaign and its human trial will start from July 8. This vaccine has been developed by Hyderabad-based pharmaceutical company Bharat Biotech in collaboration with ICMR.
This indigenous vaccine manufactured in India is being projected to vote entirely on the corona. This vaccine is named BBV152 covid vaccine. It is also being called covaxine.

Today, under the Corona Free City Campaign, we first need to make every effort to join our campaign to make our city Corona Free City, so that our city can become Corona free as soon as possible.

On Friday, Ulhasnagar Municipal Corporation Commissioner, Dr. Raja Dayanidhi has invited 20-30 years old youth to volunteer. Identity cards will be given to all these volunteers by the Manpa and Kovid warrior certificate will also be given to all.

Young residents of Ulhasnagar city, whoever wants to join this campaign, must have their own Android / Smart mobile phone, it will be mandatory to work for 7-8 hours daily.
All these volunteers will be given security literature such as face masks, hand gloves, sanitizers, etc. material and full training to do the work by the Manpa.
The swayamsevak must have an Aadhaar card and bank account, it is mandatory to have physical health. The Ichuk volunteer can apply online at the link given below. http://covid.umcgov.in/volunteers.aspx




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