उल्हासनगर (आनंद कुमार शर्मा)
नॉवल कोरोना वैश्विक महामारी के रोकथाम के लिए पूरे देश मे २२ मार्च से चल रहे लॉकडाउन में राहत देने और लोगों को फिर से अपना काम व्यापार सुरु करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने सारे दुकानदारों, सरकारी और निजी कंपनियों के साथ ही आम जनता के लिए सतर्कता और कोरोना के प्रकोप से बचने के उद्देश्य से काफी दिशानिर्देश जारी किए है और संचार बंदी में आवागमन की छूट दी है।
इसी के मद्देनजर उल्हासनगर में भी २ जून २०२०, को उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त समीर उन्हाळे ने आगामी ३० जून २०२०, तक शहर में लॉकडाउन को बढ़ाते हुए केंद्र और राज्य सरकार के मिशन बिगिन अगेन के दिशानिर्देश जारी किए। इस दिशानिर्देश अनुसार रात ९:०० बजे से सुबह ५:०० बजे तक पूरी तरह संचार बंदी (नाईट कर्फ्यू) होगी, ज्यादा उम्र के लोग, गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चों को घर पर रहने को कहा गया था।
मिशन बिगिन अगेन के तहत ३ टप्पों में कामकाज और व्यापार सुरु करने के कई दिशानिर्देश दिए गए, जिसमें ५ जून से बाजारों में दुकानें खोलने के भी नियम दिए जिसके तहत सम और विसम तारीखों के आधार पर P1 और P2 की दुकानें खुलेंगी और दूसरी तरफ की बंद होगी।
लेकिन २-३ दिनों में ही महानगरपालिका आयुक्त द्वारा दिये गए नियमों कि अववेलना या कहें प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ने लगी। रविवार को प्रशासन की नजरों के सामने दोनों तरफ की दुकानें खुली रही, जापानी बाजार, गजानन मार्किट या अंदर के बाजारों में लोगों की भीड़ देखते हुए लगता है कि कोरोना खत्म हो गया और दिवाली आने वाली है।
मुख्य बाजार, मैन रोड पर भी विसम यानी P2 साइड के दुकानदारों ने आधा शटर खोलकर तो किसीने पीछे के रास्ते से व्यापार चालू रखा। इसके साथ ही लोगों ने कहीं पर भी सोशल डिस्टनसिंग का पालन नही किया, कही तो लोग बच्चों के साथ बाजार में घूमते और ख़रीदारी करते दिखाई दिए। म्हाराल, धोबीघाट, खेमानी, शहाड़ से लेकर उल्हासनगर के तकरीबन सारे परिसर में प्रतिबंदित पानटपरी, सलून, होटल आदी पूरी तरह खुले दिखाई दिए। दुकानदारों से और लोगों से पूछे जाने पर पता चला कि स्थानीय नेताओं के संरक्षक और बहकावें में लोग बिंदास नियमों को अनदेखा कर व्यापार करने लगे है और कोरोना जैसी भयंकर बीमारी को न्योता दे रहें है।
द न्यू आज़ादी टाइम्स की टीम की तरफ से लोगों को सतर्क रहने की अपील करते है और सरकार द्वारा दिये गए दिशानिर्देशों का पालन करने की गुहार लगाते है।
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