उल्हासनगर (आनंद कुमार शर्मा)
वैश्विक महामारी नॉवल कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पूरे विश्व में अनेक वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं ने अलग अलग प्रयोग किये है और कर भी रहे है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नही मिली है जिससे यह प्रामाणिक रूप से कहा जाए कि यह दवाई लेने से कोरोना संक्रमण से १००% बचा जा सकता है या ठिक किया जा सकता है। लेकिन भारत सरकार आयुष मंत्रालय द्वारा कोरोना से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली होम्योपैथीक दवाई आर्सेनिक एल्बम ३० लेने की सलाह और सिफारिश की गई है।
लॉकडाउन में सीधा लोगों के संपर्क में काम कर रहे और लोगों की आर्थिक व्यवस्था बनाये रखने में बैंक कर्मचारियों का भी बड़ा योगदान है। खासकर सभी सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने सरकार द्वारा सीधे जनधन बैंक खातों में दी गयी राशि को वितरण करना काफी जोखिम भरा होता है, इसलिए पिछले कुछ दिनों से न्यू आजादी टाइम्स और ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त क्रम से कई बैंको और कोविड योद्धाओं को विभिन्न होम्योपैथिक डॉक्टरों के माध्यम से १००० से अधिक होम्योपैथीक दवा आर्सेनिक अल्बम ३० का वितरण किया गया।
इसी श्रृंखला में राजस्थान सेवा समिति के अध्यक्ष और सेंचुरी रेयान के वरिष्ठ समाजसेवी विश्वनाथ जोशी जी ने सेंचुरी यूको बैंक कर्मचारियों को लॉकडाउन और कोरोना महामारी में उनके द्वारा निरंतर सेवा देने के लिए सम्मानित करने का और होम्योपैथीक दवा आर्सेनिक एल्बम ३० वितरण करने का आग्रह किया गया जिसके मद्देनजर यूको बैंक कर्मचारियों पर पुष्प वर्षा की गई होम्योपैथीक कंसलटेंट डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने यूको बैंक तथा सेंचुरी सोसाइटी के दुकानदारों को आर्सेनिक एल्बम ३० का मुफ्त वितरण किया और उसकी जानकारी दी।
होम्योपैथीक दवाई आर्सेनिक एल्बम ३० लेने के कुछ नियम और सावधानियां इस प्रकार है -
१. सुबह खाली पेट एक साल से कम उम्र के बच्चों को एक गोली, ग्यारह साल तक के बच्चों के लिए दो गोलियां और बाकी सब के लिए चार गोलियां ।
२. यह गोली को हाथ मे नही लेना इसे सीधे ढक्कन में लेके सीधा मुँह में लेना है।
३. यह सिर्फ तीन दिनों का कोर्स है और बाद में एक महीने बाद एक बार लेना है।
४. यह दवाई लेने के १५-२० मिनट पहले और दवाई लेने के १५-२० मिनिट तक कुछ भी खाना या पीना नही है।
५. अगर दूसरी कोई दवाई चालू है, जैसे बी.पी. या मधुमेह या थाइरोइड, तो दोनों दवाइयों के बीच ३० मिनिट का अंतराल होना चाइए।
६. अगर आर्सेनिक एल्बम ३० ले रहे है तो कैम्पहोरा नही लेनी है।
७. लसुन, कांदा, स्ट्रांग कॉफी, नीलगिरी तेल या जो कड़क या तेज गंध वाली वस्तुओं को इस्तेमाल नही करना चाइए।
डॉ. शैलेन्द्र सिंह पिछले १५ वर्षो से होम्योपैथी से हजारों लोगों को अनेक बीमारियों से ठीक कर चुके हैं उनका क्या है कहना आइये सुनते है उन्ही की जुबानी।
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