उल्हासनगर (आनंद कुमार शर्मा)
उल्हासनगर में पहले नॉवल कोरोना संक्रमण से हुई मौत के ३ दिन बाद भी कई सवाल यहाँ की जनता के मन मे है, सवालों के साथ डर का माहौल भी बना हुआ है। सवाल ऐसे है जिसका जवाब अभी तक न प्रशासन ने दिया है और न ही हॉस्पिटल प्रबंधक ने दिया। क्रिटीकेयर हॉस्पिटल के डॉ प्रकाश कौराने ने बताया कि महिला की मौत के बाद रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी थीं और हॉस्पिटल का नाम अफवाहों से बदनाम हो रहा है।
उल्हासनगर कैम्प क्रमांक ३ स्तिथ फॉलोवर लेन परिसर में रहने वाली ८७ वर्षीय महिला की कैंप ३ के ही क्रिटीकेयर अस्पताल में मंगलवार २८ अप्रैल को मौत हो गयी थीं, जिसके बाद शहर में सोशल मीडिया और ऑनलाइन खबरों के माध्यम से बोहोत सारे सवालों के घेरे में आये क्रिटीकेयर अस्पताल के डॉ प्रकाश कौराने ने बढ़ते सवालों को प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर डाल दिया। उन्होंने बताया कि मौत के बाद प्रशासन और पुलिस को उसकी सूचना दी और सरकार की ओर से तय नियमों के तहत कार्यवाही की गई।
लेकिन आज भी कई सवाल है जिसका जवाब देने मे सब असमर्थ दिख रहे है।
इलाज के दौरान अगर महिला को कोरोना संदिग्ध पाया गया तो उसे तुरंत कोविद हॉस्पिटल में रेफेर क्यों नही किया गया.?
मौत के बाद कोरोना रिपोर्ट का इंतज़ार किये बिना महिला के शव को उनके परिजनों को क्यों सोपा गया.??
सबसे अहम सवाल ये है कि ३ दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक हॉस्पिटल को सील क्यों नही किया गया..???
जिस प्रकार ११ अप्रैल को उल्हासनगर ४ के शिवनेरी हॉस्पिटल, उसके डॉ प्रभु आहूजा औऱ पूरी हॉस्पिटल की टीम को कोविद जांच रिपोर्ट आने तक क्वारंटाइन किया था तथा हॉस्पिटल और परिसर को सील कर दिया गया था, उस तरह क्रिटिकेअर हॉस्पिटल, वहाँ के डॉक्टरों, नर्स और उसके स्टाफ को अलगिकरण - वलगिकरण क्यों नही किया गया ?.
शिवनेरी हॉस्पिटल में मरीज मात्र ४ घंटे उपचार के बाद कोरोना संदिग्ध होने पर उसको सेंट्रल हॉस्पिटल रेफेर कर दिया था लेकिन इस मामले में तो इलाज भी हुआ है और मौत भी।
क्यों सब इस मामले में चुपी साधे बैठे है...?????
उल्हासनगर में पहले नॉवल कोरोना संक्रमण से हुई मौत के ३ दिन बाद भी कई सवाल यहाँ की जनता के मन मे है, सवालों के साथ डर का माहौल भी बना हुआ है। सवाल ऐसे है जिसका जवाब अभी तक न प्रशासन ने दिया है और न ही हॉस्पिटल प्रबंधक ने दिया। क्रिटीकेयर हॉस्पिटल के डॉ प्रकाश कौराने ने बताया कि महिला की मौत के बाद रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी थीं और हॉस्पिटल का नाम अफवाहों से बदनाम हो रहा है।
उल्हासनगर कैम्प क्रमांक ३ स्तिथ फॉलोवर लेन परिसर में रहने वाली ८७ वर्षीय महिला की कैंप ३ के ही क्रिटीकेयर अस्पताल में मंगलवार २८ अप्रैल को मौत हो गयी थीं, जिसके बाद शहर में सोशल मीडिया और ऑनलाइन खबरों के माध्यम से बोहोत सारे सवालों के घेरे में आये क्रिटीकेयर अस्पताल के डॉ प्रकाश कौराने ने बढ़ते सवालों को प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर डाल दिया। उन्होंने बताया कि मौत के बाद प्रशासन और पुलिस को उसकी सूचना दी और सरकार की ओर से तय नियमों के तहत कार्यवाही की गई।
लेकिन आज भी कई सवाल है जिसका जवाब देने मे सब असमर्थ दिख रहे है।
इलाज के दौरान अगर महिला को कोरोना संदिग्ध पाया गया तो उसे तुरंत कोविद हॉस्पिटल में रेफेर क्यों नही किया गया.?
मौत के बाद कोरोना रिपोर्ट का इंतज़ार किये बिना महिला के शव को उनके परिजनों को क्यों सोपा गया.??
सबसे अहम सवाल ये है कि ३ दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक हॉस्पिटल को सील क्यों नही किया गया..???
जिस प्रकार ११ अप्रैल को उल्हासनगर ४ के शिवनेरी हॉस्पिटल, उसके डॉ प्रभु आहूजा औऱ पूरी हॉस्पिटल की टीम को कोविद जांच रिपोर्ट आने तक क्वारंटाइन किया था तथा हॉस्पिटल और परिसर को सील कर दिया गया था, उस तरह क्रिटिकेअर हॉस्पिटल, वहाँ के डॉक्टरों, नर्स और उसके स्टाफ को अलगिकरण - वलगिकरण क्यों नही किया गया ?.
शिवनेरी हॉस्पिटल में मरीज मात्र ४ घंटे उपचार के बाद कोरोना संदिग्ध होने पर उसको सेंट्रल हॉस्पिटल रेफेर कर दिया था लेकिन इस मामले में तो इलाज भी हुआ है और मौत भी।
क्यों सब इस मामले में चुपी साधे बैठे है...?????
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