उल्हासनगर (आनंद कुमार शर्मा)
हिंदी भाषा मेरी मां है तो सिंधी भाषा मेरी मौसी है....,
10 अप्रैल 1967 को लोकसभा में सिंधी भाषा को संविधान में मान्यता देने वाले बिल पर श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने अपने वक्तव्य में यह कहा। उस दिन से 10 अप्रैल सिंधी भाषा मान्यता दिवस के उपलक्ष्य मनाया जाता है।
भाऊ परसराम झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के साई लीलाराम ने सिंधी भाषा दिवस पर पुरे शहर और देशवासियों को शुभकामनाएं दी। साथ ही उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना को हराने में पूरा सिंधी समाज मन धन से लोगों की सेवा में लगा है। इस कोरोना महामारी में बेघर, दिहाड़ी मजदूर व शहर की जरूरतमंद जनता को झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट और जय झूलेलाल संघर्ष सेवा समिति की तरफ से रोजाना दिन और रात दोनों समय का मिलाके 6400 खाने का पैकेट्स लोगों तक पहुंचाने का काम निस्वार्थ भाव से किया जा रहा है।
इस संचारबंदी लॉकडाउन के दिशानिर्देश का पालन किया जा रहा है, सेवाधारीयों द्वारा खाना बनाने से लेकर पार्सल और वितरण करने तक सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टनसिंग), फेस मास्क और हैंड ग्लव्स का ख्याल भी रखा जा रहा है जिसकी उचित व्यवस्था भी की गई है। जय झूलेलाल संघर्ष सेवा समिति के दिपक (रंगीला) मंगतानी ने बताया कि उल्हासनगर महानगरपालिका की तरफ से 40 सेवाधारियों को पास मुहय्या किया गया है, और इस काम मे उनके साथी, रोहित राजू रोहरा (9890111178), भोजू आडवाणी (7350991000), भरत पुरस्वानी, बंटी सुखेजा, कपिल ताराचंदानी तथा समिति के सारे सेवाधारी कंधे सेे कंधा मिला कर दिन रात सेवा में लगे हैं। उन्होंने बताया की जिस जरूरतमंद लोगोंं को इस सेवा प्रसाद का लाभ नहीं मिल पा रहा या किसी को यह सेवा प्रसाद शुरू करना हो तो दिए गए नंबरों पर संपर्क कर सकतेे हैं।
आइए क्या कहा उन्होंने सुनते हैं उनकी जुबानी।
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