उल्हासनगर. इस बार उल्हासनगर में विधान सभा चुनाव काफी रोचक होने वाले हैं क्यूंकि हर इच्छुक नेता नगरसेवक भाजपा का टिकट पाने को उतावला है| न सिर्फ इतना बल्कि गुटबंदी करते हुए अपनी ही पार्टी के इच्छुक उम्मीदवारों को नीचा दिखाने का प्रयास हो रहा है|
गौरतलब है कि इन दिनों भाजपा में सबसे प्रथम पूर्व विधायक कुमार आयलानी और टीओके प्रमुख ओमी कालानी का नाम उछाल पर है| इसके अलावा साई पार्टी अध्यक्ष और उप महापौर जीवन ईदनानी भी भाजपा का टिकट पाने को प्रयासरत है| वहीँ भाजपा गुट नेता जमनु पुरसवानी और पूर्व भाजपा अध्यक्ष महेश सुखरामानी भी रेस में हैं| जबकि राकांपा की तरफ से कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है क्यूंकि राकांपा में पार्टी बदलने का सिलसिला लगातार जारी है और इस पार्टी का वर्चस्व समाप्त होने के कयास लगाए जा रहे हैं| ऐसे में राकांपा की विधायक ज्योति कालानी भी संभवतया राकांपा से चुनाव लड़ने के मूड में नहीं दिख रही| यही कारण है कि पिछले दिनों ओमी कालानी ने सेलिबरेशन होटल में घोषणा की कि इस बार उनकी मां ज्योति कालानी अथवा धर्मपत्नी महापौर पंचम कालानी या फिर स्वयं ओमी कालानी इनमें से कोई एक विधान सभा चुनाव लड़ेगा और बाकी लोग उसे मदद करेंगे|
इधर राकांपा कार्याध्यक्ष भारत गंगोत्री और पूर्व मनपा सचिव एडवोकेट प्रकाश कुकरेजा भी अपना भाग्य आजमाने के चक्कर में लगे हुए हैं| साथ ही आरपीआई की तरफ से भगवान भालेराव भी खुद को प्रत्याशी बता रहे हैं| यह भी तय नहीं कि भाजपा शिवसेना युति के कारण टिकट किसको मिलेगा| जबकि कांग्रेस की स्थिति उल्हासनगर में राम भरोसे है|
परंतु प्रमुख बात पर किसी का भी ध्यान नहीं है कि उल्हासनगर शहर नर्क जैसा बन गया है उसका क्या ?
केबी रोड के दुकानदार अब तक न्याय की आस में हैं| सड़कें बदतर हो गयी हैं| अनगिनत खड्डों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है| साफ़ पानी नहीं मिल रहा है| सफाई पर्याप्त रूप से नहीं हो रही| ऊपर से प्रॉपर्टी टैक्स के आलावा उपभोक्ता फी और जीआयएस मैपिंग से लोग परेशां हैं लेकिन नेताओं नगरसेवकों को जनता का बिलकुल ध्यान नहीं| वे तो केवल विधान सभा में चुनाव लड़ने और टिकट पाने में ही लगे हुए हैं|
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